Page 39 - Ezine September - 13
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मेरी रुद्रनाथ यात्रा
             जुलाई का उमस भरा एक और दिन~और बार बार फे ल होती मौसम दिभाग की भदिष्यिाणी~ मन की
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             आंख रोज़ आते जाते बािलो पर लगी रहती ।

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             समाचार चनलों पर बाररश की फे ल होती भदिष्यिाणी की खबर चल रही थी~ अचानक फ़ोन दिदिनाया
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             और फ़ोन क ि ू सरी तरफ मरे दमत्र की भी मनोस्थथदत मेरी जैसी ही थी । बातो बातो म श्री रुद्रनाथ जी
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             ‡पंच किारˆ जाने का दिचार पक्का हुआ ।

             अगली सुबह चार बजे हम यमुना पुल पार कर रहे थ~ हिा म शीतलता और "ये रातें ये मौसम निी का
                                                                   ें
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                                                                            े
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             दकनारा ये ठं डी हिा " सुनत हुए हम उत्तराखड की तरफ तेजी से बढ़ रहे थ ।

             ऋदिके श क जाम से हम अनजान नहीं थ,इसदलए हमन कोटद्वार - िुगड्डा,पौडी मागग को चना, बाररश पहाड़
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             म िस्तक ि चकी थी , सारे पहाड़, पेड़~ पोधे साफ़ सथरे नहाये से लग रहे थ |
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             पहाड़ी रास्तों~ निी, झरनों का आनंि लेत हुए हम गोपश्वर की तरफ बढ़ रहे थ, दपछली रात आई भारी बाररश
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             क कारण रास्ते म जगह जगह स्लाइदडंग और सड़क पर पड़े पत्थर दमल 
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             मन म बार बार यही ख्याल आता रहा की कही हम गलत समय पर तो नहीं आ गए, दफर दकसी की कही
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             बात याि आ जाती की 'पहाड़ बाररश म सबसे सुिर लगते है, और खतरनाक भी'
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             शाम  लगभग  पांच  बजे  हम  गोपश्वर  से  आगे  मंडल  गांि  पहुंच  चके   थ~  मंडल  और  सगर  गांि   से  ही
             रुद्रनाथ  की यात्रा प्रारंभ होती है हमें अगले दिन लगभग ­­ दकलोमीटर की यात्रा करनी थी 

             रुद्रनाथ जी पहुंचन क दलए हमें ¬°«« मीटर से ®±«« मीटर की ऊं चाई तक चढ़ाई करनी थी । थथादनय
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             लोगों से पता लगा की शुरू का 10 दकलोमीटर का रास्ता जयािा चढाई िाला है, बाि का रास्ता बुग्यालों म  ें
             से जाता है |

             पहाड़ो क पीछे से लादलमा दिखाई िेन लगी थी, पदियों क कलरि क साथ साथ हिा म पहाड़ी कु त्तो की
                                                                        े
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             आिाज़े भी रह रह कर आ रही थी | लादलमा जल्द ही तेज़ धुप म बिल गई और सूयग िेि सामने पहाड़ी पर
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             प्रकट हो चके  थ |
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